साबरमती रिपोर्ट फिल्म: गोधरा कांड पर आधारित फिल्म को यूपी के मुख्यमंत्री सीएम योगी जी भी देखने के तैयारी में

साबरमती रिपोर्ट फिल्म गोधरा कांड की सच्चाई को उजागर करने का एक प्रयास है। यह फिल्म 2002 में गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के S-6 कोच में हुए भयावह हमले और इसके परिणामस्वरूप 59 कारसेवकों की मौत पर आधारित है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे इस त्रासदी की रिपोर्टिंग में झूठे नैरेटिव बनाए गए, और सच्चाई को दबाने का प्रयास किया गया। 

फिल्म की कहानी एक पत्रकार समर कुमार (विक्रांत मैसी) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो इस कांड की तह तक जाने की कोशिश करता है। फिल्म यह भी दिखाती है कि नानावटी आयोग की रिपोर्ट के बाद कैसे सच्चाई को उजागर किया गया और राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित झूठे आख्यानों का पर्दाफाश हुआ।

सीएम योगी और भाजपा नेताओं की विशेष रुचि

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज लखनऊ के एक सिनेमाघर में सुबह 11:30 बजे “साबरमती रिपोर्ट” देखने जाएंगे। इसके अलावा, भाजपा के अन्य नेता भी अपने-अपने क्षेत्रों में इस फिल्म को देखने का कार्यक्रम बना रहे हैं। यह फिल्म उनके लिए न केवल एक ऐतिहासिक घटना को याद करने का अवसर है, बल्कि सच्चाई के साथ खड़े होने का प्रतीक भी बन रही है।

फिल्म को लेकर प्रतिक्रियाएँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस फिल्म की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म गोधरा कांड की सच्चाई को जनता के सामने लाने का सराहनीय प्रयास है। सोशल मीडिया पर भी इसे सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं। इसे उन निर्दोष पीड़ितों के लिए श्रद्धांजलि के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने इस हमले में अपनी जान गंवाई।

फिल्म को देखने के लिए दर्शक उत्साहित हैं, और यह न केवल गोधरा कांड की ऐतिहासिक प्रासंगिकता को याद दिलाती है, बल्कि मीडिया और राजनीति के गहरे संबंधों पर भी सवाल उठाती है।

साबरमती रिपोर्ट फिल्म को भाजपा शासित राज्यों में टैक्स फ्री किया गया

फिल्म “द साबरमती रिपोर्ट” को गोधरा कांड की सच्चाई को उजागर करने के लिए सराहा जा रहा है। इस फिल्म को भाजपा शासित राज्यों में टैक्स-फ्री घोषित किया गया है, जिससे अधिक लोग इसे देख सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस फिल्म की प्रशंसा की है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर इसे “सच्चाई सामने लाने का महत्वपूर्ण प्रयास” बताते हुए कहा कि फेक नैरेटिव ज्यादा दिन तक नहीं टिक सकते, और सच अंततः सामने आ ही जाता है​

यह फिल्म 2002 में गुजरात के गोधरा ट्रेन हादसे पर आधारित है और इसमें पत्रकारों की सच्चाई की खोज को दिखाया गया है। फिल्म की कहानी और प्रस्तुतिकरण को लेकर इसे दर्शकों और समीक्षकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसे देखने की योजना बना रहे हैं। भाजपा के अन्य नेता और मंत्री भी अपने क्षेत्रों में सिनेमाघरों में जाकर इस फिल्म को देख रहे हैं, जो इसे एक व्यापक सामाजिक संदेश देने वाला कदम बना रहा है​

इस पहल से न केवल फिल्म को अधिक दर्शकों तक पहुंचने में मदद मिलेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि ऐसी संवेदनशील घटनाओं पर आधारित सच्चाई व्यापक स्तर पर लोगों तक पहुंचे।

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  • Nishtha News

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