उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरो के परिवार के लोग उनसे मिलने के लिए पहुंच रहे हैं और मजदूरों को निकालने के लिए अब वर्टिकल ड्रिलिंग यानी गुफा में ऊपर से छेद करने की तैयारी हो रही है।
उन सभी 41 मजदूरों को टनल से बाहर निकलने का राह पूरा देश देख रहा है और उत्तराखंड के सरकार भी पूरी जोर-शोर से इस काम में लगी हुई है कि कैसे भी करके उन मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
अभी तक रेस्क्यू टीम ने जितने भी कोशीस की हैं उन 41 मजदूरों को टनल से बाहर निकालने का वो सभी नाकाम हो चुके हैं लेकिन अब टनल में वर्टिकल ड्रिलिंग करने की तैयारी हो रही है जिसमें ऊपर के तरफ से टनल के अंदर छेद करके मजदूर तक पहुंचा जा सके एवं उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
ड्रिलिंग करते समय मशीन लोहे के पाइप से जा टकराई थी जिसके वजह से वो काम करना बंद कर दी थी और इस वजह से ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा था। बाकी के बचे 12-13 मीटर की खुदाई हाथ से करने की योजना बना रहे थी लेकिन ये काम रिस्की था इसलिए अब पहाड़ के ऊपर से छेद करने की योजना बना रही है।
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वर्टिकल ड्रिलिंग के जरिए ऊपर से किया जाएगा छेद
अब रेस्क्यू टीम का योजना पहाड़ के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग करके करीब 90 मीटर छेद करके मजदूरों को बाहर निकालने की बन रही है और इसमें भी कई दिन लग सकते हैं।
पहाड़ के ऊपर से छेद करने की लगभग पूरी तैयारी रेस्क्यू टीम ने कर ली है लगभग 1200 मीटर का एक रोड तैयार किया गया है जिस पर ट्रक के द्वारा समान ऊपर पहुंचाया जा सके जिसमे ट्रक के जरिए ट्रांसफार्मर को पहाड़ के ऊपर ले जाया जा रहा है उसी ट्रक पर वर्टिकल मशीन के ब्लेड और रोटेटर भी रखे देखे गए हैं।
मजदूरों को टनल में फंसे हुए आज 15 दिन हो गए हैं और अब पहाड़ के ऊपर से करीब 90 मीटर का लंबाई वाला छेद करके उन्हें निकालने की पूरी जोर-शोर से तैयारी चल रही है लेकिन मजदूर कब तक बाहर आ पाएंगे इसकी कोई जानकारी नहीं है लेकिन एक बात सच जरूर है कि जितने ज्यादा मजदूरों को निकालने में देरी हो रही है उतना ही ज्यादा इनके परिवार एवं अन्य लोगों की चिंताएं बढ़ रही है।
वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया
समाचार लिखे जाने तक वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हो चुका है जिसमें 1.2 मीटर का व्यास वाला ड्रिलिंग किया जा रहा है जिसके जरिए मजदूरों को निकाला जा सके।
सूत्रों के अनुसार वर्टिकल ड्रिलिंग को बहुत ही सावधानी से किया जा रहा है ताकि इसमें कोई गलती ना हो और सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके।