टनल में ड्रिलिंग का काम सफलतापूर्वक पूरा होते ही सभी मजदूरों को बाहर निकाला गया और जैसे ही मजदूर बाहर निकले वैसे ही मोदी है तो मुमकिन है का नारा गूंजने लगा। इस पोस्ट में आप पढ़ेंगे मोदी मजदूर और सबसे मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन का कहानी।
उत्तरकाशी टनल में ड्रिलिंग का काम सफलतापूर्वक पूरा हो जाने पर मजदूर एवं पूरा देश खुश है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको यह सब अच्छा नहीं लग रहा है।
17 दिन के करीब मेहनत के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और यह देख लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है जिसे आप नीचे तस्वीरों में देख सकते हैं।
सभी मजदूर पूरी तरह से स्वस्थ हैं एवं सभी से अच्छे से बातचीत भी हो रही है क्योंकि इन 17 दिनों में इनके उम्मीदों को टूटने नहीं दिया गया, खाना एवं ऑक्सीजन की सप्लाई लगातार होती रही साथ में ऐसे दवाइयां भी दी जा रही थी जो इन मजदूरों को डिप्रेशन से बचाए।
Uttarkashi News PM Narendra Modi Twits
इसी बीच में श्री नरेंद्र मोदी जी का भी ट्वीट आया है जिसमें उन्होंने इस मिशन से जुड़े सभी लोगों को दिल से धन्यवाद किया है जिनके वजह से सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकाले गए जिसे आप नीचे देख सकते हैं।
41 मजदूरों के लिए 41 एम्बुलेंस
सुरंग के पास पहले से ही 41 एम्बुलेंस तैनात किए गए थे ताकि मजदूर निकलें और अगर उनको कोई दिक्कत महसूस हो तो तुरंत अस्पताल ले जाया जा सके। टनल के अंदर भी डाक्टर तैनात किए गए यहां तक की अस्पतालों में पहले से बेड भी सुरक्षित किया गया यानी मजदूरों के लिए सभी तरह से व्यवस्थाएं की गई।
लेकिन सुरंग से बाहर निकलने पर सभी मजदूर बिल्कुल फिट दिख रहे हैं क्योंकि सुरंग के अंदर भी इनका पूरा ख्याल रखा गया खाना से लेकर दवाइयां तक दी जा रही थी मानसिक तौर पर ये फिट रहें इसके लिए भी मोटिवेट किया जा रहा था कैमरा के द्वारा इनसे बातें की जा रही थी।
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मजदूर कैसे निकाले गए?
करीब 3 फीट के गोलाइ वाला पाइप ड्रिलिंग करने के बाद डाला गया और इसी पाइप के जरिए सभी मजदूर बाहर निकाले गए हैं जीसे आप उपर तस्वीरों में देख सकते हैं।
मजदूरों के बाहर निकलते ही उनके परिवार जश्न मनाने लगें खुशी से झूम उठे एवं लड्डू खिलाए जाने लगे और पटाखे फोड़कर एवं दीप जलाकर भी मजदूरों का स्वागत किया गया।
विपक्षी पार्टियों ने क्या कहा?
एक तरफ जहां सभी मजदूरों के सुरक्षित निकाले जाने से पूरा देश खुश हैं वहां के मुख्यमंत्री बधाई दे रहे हैं देश के प्रधानमंत्री सभी को धन्यवाद दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों का यह आरोप है कि पीएम मोदी घटनास्थल पर क्यों नहीं गए।
आपको बता दें कि पीएम मोदी अपने पूरा कार्यालय घटनास्थल पर भेजे थे ताकि वो वहां जाकर ढंग से देखरेख करें साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी घटनास्थल पर पहुंचे थे।
18 नवंबर को ये हादसा हुआ था और उसके छठे दिन PMO की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई थी जिसमें कई सारे एक्स्पर्ट थे एवं बड़े-बड़े अधिकारी भी थे साथ ही साथ पीएम के पूर्व सलाहकार भी घटनास्थल पर मौजूद थे।
पीएमओ की टीम के पहुंचने का फायदा ये था कि किसी भी चीज का अप्रूवल तुरंत मिल जा रहा था जैसे अगर कोई मशीन खराब हो गई या टूट गई तो उसके जगह दूसरे मशीन मंगाने का अप्रूवल या अन्य जरूरी कामों का अप्रूवल मिलने में देरी नहीं हो रही थी।